जिला बांदा। जहां एक कइत मड़ई विकलांग पेंशन के छमाही किस्त मिलैं खातिर विकलांग कल्याण विभाग के चक्कर लगवत हैं। होआ दूसर कइत विकलागं पेंशन खातिर भरा गा फारम के पास होय का पता करैं खातिर परेशान हैं।
कस्बा कालिंजर के मोहल्ला कुजरहटी का रहै वाला नाजिम अली बताइस-“मैं बचपन से विकलांग हों। अब मोर उमर साठ साल के है। आज तक विकलांग पेंशन नहीं बन पाई आय। कइयौ दरकी प्रधान अउर सचिव से चरौरी कइके विकलांग पेंशन का फारम भरवाय रहौं, पै पता नहीं चलै कि फारम जमा भा कि नहीं।”
सचिव अनिरूद्ध सिंह कहत है कि नाजिम अली के अलावा अउर भी लोगन के फारम भर गे है। जिला विकलांग कल्याण विभाग मा जमा कई देहूं।
यहिनतान दूसर घटना मा ब्लाक नरैनी का गांव सेमरिया कुशल के मजरा बसरेही अउर बरेहड़ा के कइयौ मड़ई पेंशन न मिलै से परेशान हैं। बरेहड़ा का होरी लाल बसरेही का राम नरेश अउर बड़ोखर खुर्द ब्लाक के तिन्दवारा गांव का राकेश बतावत है कि उनका दिसम्बर 2013 मा विकलांग पेंशन के किस्त मिली रहै। तबै से आज तक मा एक किस्त मिल जाय का चाही। छह महीना के जघा नौ महीना बीत गे है।
जिला विकलांग कल्याण विभाग के बाबू विद्या देवी कहिस कि अबै तक विकलांग पेंशन का बजट नहीं आवा आय सितम्बर 2014 के महीना तक मा आवैं के उम्मीद है।