ज्यादातर देखै मा आवाथै कि मेहरारु राजनीति के पद मा बाटिन। चाहे वै प्रधान हुवय या चेयरमैन, पर का मेहरारु का आगे बढ़ै के बाद उनका आपन पद सम्हालै अउर आगे बाढ़ै का मौका दीन जाथै। मेहरारुन का तौ नाम खातिर पद मा खड़ा कीन जाथै पर काम उनकै पति कराथे। यही तरह कुछ बाय। जिला फैजाबाद, ब्लाक तारुन, ग्रामसभा तारुन मा। यहि बात का लइके हुंआ के प्रधान अमरावती से बातचीत भै।
सवाल- आप केतना पढे अहैं अउर कउने सोंच के साथ प्रधान बनीं?
जवाब-हम हाईस्कूल तक पढ़े हई। सब मेहरारु का देखत रहेन कि मेहरारु भी चुनाव लड़ाथिन यहि कारण हमरेव मन मा उम्मीद जगी अउर परिवार कै सहयोग भी मिला तौ हम चुनाव जीतेन अउर प्रधान बन गयन।
सवाल-आपका प्रधान बनै के बाद कैसे लागत बाय अउर अधिकारियन के सामने बातचीत करै मा काव महसूस कराथिन?
जवाब-प्रधान बनै से अच्छा लागाथै। हमैं मनई प्रधान के नाम से जानाथे। अधिकारियन के सामने जैसे पहिले नाय बैठ पावत रहेन तौ अब बैठी थी मीटिंग मा जाईथी।
सवाल-गांव कै समस्या अउर मेहरारु के साथे हुवय वाली दिक्कत मा आप कवन सहयोग कराथिन?
जवाब-गांव मा जवन भी विकास से जुड़ी समस्या बाय वका निपटावै कै कोषिष करीथी अउर जवन भी मेहरारु के साथे दिक्कत हुआथै। अगर केहू बीमार बाय तौ गाड़ी, पैसा जइसे सहयोग भा तौ हम करीथी।
कउने सोच के साथ बनीं प्रधान
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