लगातार हो रही भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में राहत है. जबकि देश के उत्तर और पूर्वी हिस्सों के विभिन्न राज्यों में बारिश की कमी की वजह से सूखे का सामना करना पड़ रहा है।
भारत के मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 जून से 18 जुलाई, 2018 तक देश को 319.2 मिमी, 328.4 मिमी की सामान्य बारिश की तुलना में 3 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
दो केंद्र शासित प्रदेश- दमन-दीव और दादरा और नगर हवेली में अब तक क्रमशः 99 प्रतिशत और 62 प्रतिशत की ‘बड़ी अतिरिक्त’ बारिश हो चुकी हैं। महाराष्ट्र में इस अवधि के दौरान अब तक सामान्य बारिश से 40 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्य सूखे का सामना कर रहे हैं और यह चिंता का विषय है। उत्तर प्रदेश में 47 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जबकि बिहार और झारखंड में बारिश का ग्राफ क्रमश: 46 प्रतिशत और सामान्य बारिश से 40 प्रतिशत नीचे आ गया है।
यूपी में 75 जिलों में से 56 जिलों में बारिश इस मौसम में सामान्य बारिश से नीचे आने की उम्मीद है जबकि 30 जिलों में अभी तक केवल 5 प्रतिशत सामान्य बारिश हुई है।
अनुमान है कि ये अपर्याप्त मॉनसून, यूपी, बिहार में किसानों की दिक्कतों को और बढ़ाएगा, जिससे मक्का और धान जैसे खरीफ फसलों की बुवाई पर असर पड़ सकता है और खेती क्षेत्र के लगभग 36.7 प्रतिशत में खारिफ बुवाई प्रभावित हो सकती है।
वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों बारिश में कमी आई है। मेघालय में 43 प्रतिशत बारिश कम हुई है और इसके बाद नागालैंड में 38 प्रतिशत कम बारिश हुई है।