जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं कैथी दलित बस्ती। दस हजार की आबादी वाले इ बस्ती में करीब दस लोग दू साल पहिले के आवास खातिर के प्रस्ताव देहले हयन। लेकिन अभहीं तक कुछ अता पता नाहीं हव।
इ बस्ती के लोगन के कहब हव कि हमने गरीब आदमी हई हमने के रहे के घर नाहीं हव। कई बार हमने गावं के प्रधान से आवास खातिर के कहली त प्रधान दस हजार रूपिया मंगलन। लालच में आके हमने दस हजार के जुगाड़ करके देहली लेकिन अभहीं तक कउनों सुनवाई नाहीं भयल। हमने गरीब आदमी हई हमने के पास एतना पइसा नाहीं हव। हमने मड़ई में रहके कर्जा धीरे धीरे भरत हई। एतनी बड़ी मड़ई में आठ लोग रहत हई। कइसे हमने गुजारा करीला हमने ही जानीला। हमने के पास एतना पइसा नाहीं हव कि आपन घर बनवा लेवल जाए। एन लोग त गरीबन के लूटत हयन।जबसे पैसंा देहले हइ कयबार कहली प्रधान धरवा कब आइ प्रधान खाली हाजी हाली हरन गरीबन क के सुनत हव गराब के सुचि देखहीयन अमिर के कुछ नसही
प्रधान सविता यादव बतइलिन कि आवास खातिर के सन् 2008 में पांच हजार रूपिया लगत रहल। लेकिन अब सन् 2011 के दस हजार रूपिया लगत हव। दस पन्द्रह लोग के दस दस हजार रूपिया विकास भवन ब्लाक पर जमा हव।