फैजाबाद अउर अम्बेडकर नगर मा हर रोज दहेज प्रथा या फिर छेड़खानी कै समस्या सामने आवाथै। हर रोज नाय तौ दुसरे तिसरे दिन दहेज प्रताड़ना कै शिकार मेहरारु कै खबर सुनै का मिलाथै।
एक तरफ दहेज लियब अउर दियब दुइनौ पाप माना जाथै। मनई आपस मा बात करिहैं कि दहेज नाय चाही। लकिन जब लड़की ससुराल जाये तौ ताना मारब शुरु होय जाथै। काव दिहिन तोहार अम्मा बाबू। अक्सर यहि तरह कै तरह कै ताना सुनै का मिलाथै। जबकि अपने कमाई के अनुसार मनई दहेज दियाथै। वहीं यतना नियम कानून बनै के बावजूद भी छेड़छाड़ दिन प्रतिदिन बढ़त जात बाय। मेहरारु लड़की सुरक्षित नाय बाटिन। अगर यहि स्थिति मा महिला हेल्प लाइन नम्बर पै फोन करै तौ जल्दी फोन नाय उठत।
अगर महिला के सुरक्षा के ताई कानून बना बाय तौ वकै सुबिधा भी मिलै का चाही। अक्सर सुनै का मिलाथै कि महिला हेल्प लाइन कै फोन बहुत कम उठाथै। जब समय पै फोन न उठे तौ मनई कम्पलेन कइसे दर्ज कराये। ज्यादातर मेहरारु का तौ पतै नाय रहत जेका पतौ रहाथै उनका समय पै सुबिधा तौ मिलै का चाही। जब कानून कै सही पालन होये तबै अपराध खतम होये। अउर तबै मेहरारु बिटिया हर प्रकार से सुरक्षित रहिहैं।
कइसे रहिहैं सुरक्षित मेहरारु
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