जिला बांदा। या समय कंबल बाटैं का काम जोरन मा चलत है। रोज का तहसील अउर ब्लाकन मा कंबल लें वालेन के संख्या हजारन मा देखैं का मिलत है। कइयौ दरकी दूर दराज गांवन से आय मड़इन का दुई से तीन रात खुले आसमान तरे रात भर के कड़ाके के ठंड काटैं का परत है।
29 दिसंबर का बांदा तहसील मा सैकड़न औरतै अउर मनसवा आय रहैं। इनमा ज्यादातर पचास से अस्सी साल के मड़ई षामिल रहैं।
तिंदवारी ब्लाक के मूंगुस गांव से आई दरषनिया का कहब है कि वा तीन दिन से बांदा मा परी है। बांदा से मूंगुस गांव पन्द्रह किलो मीटर है। 20 रुपिया किराया लागत है। मोरे पास किराया निहाय या मारे दुई रात इनतान के ठंड मा गुजारे हौं। आज तीसर दिन भी लागत है कि हेंया ही गुजारैं का परी। बांदा षहर के मोहल्ला जरैली कोठी के कल्ली अउर चुन्नी, मर्दन नाका के मेडि़या बोधी पुरवा से मुन्नी कम्बल का बइठ रहैं।
बांदा तहसीलदार संत कुमार का कहब है कि कंबल वार्ड सदस्य अउर लेखपाल के बोलाये लोगन का रोज बांटे जात हैं। कुछ लोग प्रषासन के नजरन मा धूल झोंक के दुबारा कंबल लई जात हैं। कंबल बांटत समय बहुत भीड़ होई जात है। या मारे कुछ बूढ़ मड़ई छूट जात हैं।
तहसील नरैनी, कस्बा नरैनी। हेंया 29 दिसंबर का सरकार द्वारा आय कम्बल बाटे हैं। जिससे सैकड़न मड़ई सुबह 8 बजे से तहसील स्तर मा लाइन लाग रहै।।
नरैनी कस्बा के मोहल्ला रामलीला मैदान के सखीना गांधी नगर कि राम जिया रामनगर के आमना गोल्हो और महुआ ब्लाक के बरुवा स्योठा गांव के बुदूवा बतावत हैं कि हम गरीब लोग कम्बल मिलै के आष में चार दिन होइगे। बराबर तहसील के चक्कर लगाइत हन, पै आज एस. डी एम. के आदेष से हम लोगन का कम्बल दीन हैं। यहिके खातिर हम बहुतै खुषी हैं। तहसील के पवन बाबू बताइन हैं कि यहिसेे एक हप्ते पहले भी कम्बल षासन से आय हैं।
कंबल मिलै का इंतजार
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