केंद्र और राज्य सरकारें हर साल परिवार नियोजन योजना के लिए करोड़ों रूपये खर्च करती है। किन्तु हकीकत में लोंग इसका इस्तेमाल नहीं करतें हैं बल्कि बच्चों को खेलनें के लिए दे देते हैं। दिसम्बर 2O017 से कंडोम को बने सौ साल पूरे हो गये हैं किन्तु बुंदेलखंड में इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है। जब कंडोम की ये हालत है तो इसे विज्ञापन में क्यों दिखाते हैं।
चित्रकूट की आशा कार्यकर्ता किरन देवी का कहना है कि हमनें तो कभी कंडोम इस्तेमाल नहीं किया है किन्तु आज की नई पीढ़ी इसका इस्तेमाल करती हैं। लोग बच्चों को दे देते हैं जो गलत बात हैं।ए एन एम आशा देवी का कहना है कि बच्चों को कंडोम नहीं देना चाहिये क्योंकि उसमें पाउडर लगा रहता है जो नुकसान करता है।
सीएमओ डाक्टर राम जी पाण्डेय का कहना है कि कंडोम मांगने में लोग शरमातें है। इसलिए कंडोम हर जगह रखा जायेगा।
ललितपुर की कल्पना ने बताया कि जो लोग कंडोम इस्तेमाल नहीं करते बीमारी फैलने का डर रहता है। गांव की महिलाएं इस बात को नहीं समझती है।
महोबा की आशा कार्यकर्ता का कहना है कि अब पहले से अच्छे कंडोम सरकारी अस्पताल में आ गयें हैं जिससे फटने का डर नहीं रहता है।
रिपोर्टर: खबर लहरिया ब्यूरों
Published on Dec 22, 2017