हरियाणा एक ऐसा राज्य है जिसे रूढ़िवादी और पुरुष प्रधान समाज के लिए जाना जाता है। यहाँ लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या कम है और इन लड़कियों में से ही एक साक्षी मलिक ने भारत के ओलंपिक इतिहास में पहला महिला कुश्ती कांस्य पदक जीत कर इतिहास रच दिया है। साक्षी भारत की चौथी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता है।
आइये देखते हैं भारत की महिला ओलंपिक चैंपियनों का सफर कैसा रहा…
साक्षी मलिक
रियो ओलंपिक में पहलवानी में पदक जीतने वाली साक्षी पहली भारतीय महिला हैं। साक्षी हरियाणा की हैं और इससे पहले 2014 के कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने रजत पदक जीता था। एक समय था जब हरियाणा में लड़कियों को कुश्ती खेलने के लिए ज़्यादा प्रोत्साहित नहीं किया जाता था लेकिन पिछले 10 सालों में हालात बदले हैं। साक्षी ने 2002 में अपने कोच ईश्वर दहिया के साथ पहलवानी शुरु की, उन्हें शुरु में विरोध भी झेलना पड़ा। लेकिन आख़िरकार 2016 में उनका सपना पूरा हुआ।
साइना नेहवाल
साइना नेहवाल ने 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। बैडमिंटन में ओलंपिक पदक जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। साइना 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक भी जीत चुकी हैं। साइना उसके बाद से कई बड़े ख़िताब जीत चुकी हैं। हालांकि इस बार साइना रियो ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाईँ।
मेरी कॉम
पांच बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज़ एमसी मेरी कॉम रियो ओलंपिक में तो नहीं खेल पाईं लेकिन 2012 में उन्होंने लंदन ओलंपिक में भारत को मुक्केबाज़ी में पदक दिलाया था। उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में चार बार स्वर्ण पदक और 2014 के एशियन खेल में भी स्वर्ण पदक जीता था।
कर्णम मल्लेश्वरी
ओलंपिक के इतिहास में पहली भारतीय महिला विजेता होने का श्रेय कर्णम मल्लेश्वरी को जाता है। सिडनी ओलंपिक में उनके पदक जीतने से पहले भारत की किसी महिला ने ओलंपिक पदक नहीं जीता था।
उन्होंने महिलाओं के 69 किलोवर्ग की भारोत्तोलन प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था।