चित्रकूट जिला, ब्लाक रामनगर, गांव बरेठी आजकल के नई पीढ़ी पढ़े के साथ साथ काम करै के कोशिस भी करत हवैं। जेहिसे उंई आपन पढ़ाई का खर्चा खुद चला सकै अउर आवै वाले समय मा आपन बाप महतारी का सहारा बन सकैं। इनतान के सोच वाला लोकल हीरो सीताराम पढ़ाई के साथ साथ गन्ना के खेती भी करत हवैं।
सीताराम का कहब हवै कि या समय मै बैकिंग का कोर्स करत हौं। हमार बाप होमगार्ड रहै। अब खेती काम करत हवैं। यहै कारन पिताजी का सहयोग करै खातिर मैं खेती करत हौं।
हमार बाप महतारी कउनौ तान हमें पढ़ावत हवैं। पै पढ़ाई मा बहुतै रुपिया लागत हवैं। घर वाले येत्ता रुपिया कहां से पइहैं। यहै कारन मै पढ़ाई के साथ – साथ गन्ना के खेती भी करत हौ।
मोहिका खुशी हवै कि मै किसान का लड़का आहूं। पढ़ाई के साथ–साथ खेती करब हम दूसर लड़कन का भी सीखा सकित हवैं हमे आगे जिंदगी मा कामयाबी मिले यहै कारन पढ़ाई करत हौं।
रिपोर्टर- सहोद्रा
06/12/2016 को प्रकाशित