उत्तर प्रदेश। गौतम बुद्ध नगर की एस.डी.एम. दुर्गा शक्ति नागपाल को 28 जुलाई को सस्पेंड करने के फैसले को समाजवादी पार्टी की राज्य सरकार ने वापस लेने का कोई संकेत नहीं दिया है। सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने भी कहा कि नागपाल पर लिया फैसला ही सही है। उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की नागपाल के पक्ष में लिखी चिट्ठी को नज़र अंदाज़ कर दिया।
इस घटना को लेकर अफसरों और कई नेताओं ने अखिलेश सरकार पर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी सरकार के इस फैसले को पलटने के लिए अजऱ्ी दी है। इसके पहले नागपाल पंजाब राज्य में अफसर थीं। पंजाब राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कहा कि उनकी सरकार नागपाल जैसे अफसरों का अपने राज्य में स्वागत करेगी।
एस.डी.एम. का पक्ष लेने के लिए जेल
रामपुर। मशहूर दलित लेखक कमल भारती को नागपाल का पक्ष लेने के लिए 6 अगस्त को जेल जाना पड़ा।
इंटरनेट पर कमल भारती ने कहा था कि नागपाल के सस्पेंड होने के पीछे कानून नहीं बल्कि विकास मंत्री आज़म खान की मन मजऱ्ी थी। रामपुर में जब एक गैर कानूनी मदरसे को गिराया गया तो किसी अफसर के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई पर नागपाल को सीधे सस्पेंड कर दिया गया।
आज़म खान ने उन पर मानहानि का केस कर दिया। कोर्ट में पेशी के बाद भारती को बेल पर रिहा हुए।