एससी-एसटी ऐक्ट में संशोधन के बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस ऐक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान पर लगाई गई रोक भी समाप्त हो गई है।
लोकसभा से इस संशोधन बिल को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी थी। बता दें कि शीर्ष अदालत ने इसी साल 19 मई को एससी-एसटी ऐक्ट के तहत शिकायत मिलने पर तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। बड़े पैमाने पर इस कानून के बेजा इस्तेमाल का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला सुनाया था।
कोर्ट के इस फैसले के बाद देश भर में दलित संगठन गुस्सा जताते हुए सड़क पर उतर आए थे। विरोध-प्रदर्शनों के दौरान तमाम संगठनों ने सरकार से अदालत के फैसले को पलटने की अपील की थी और फैसले को दलितों के खिलाफ करार दिया था। दलित समुदाय के बीच शीर्ष अदालत के फैसले का भारी विरोध नजर आने के बाद सहयोगी दल भी बीजेपी पर दबाव बना रहे थे।
यही नहीं, पार्टी के दलित सांसदों ने भी पुराने ऐक्ट को लागू करने की मांग की थी। इसके बाद बीजेपी की लीडरशिप वाली केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत के फैसले को पलटने के लिए संशोधन विधेयक लाने का फैसला लिया था।
बता दें कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया था।