18वें एशियाई खेलों के पहले दिन भारत के बजरंग पूनिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुषों की 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में जापान के दाइजी ताकातानी को 11-8 से मात देते स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
बजरंग ने इंचियोन-2014 में खेले गए एशियाई खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था। इस बार वह अपने पदक का रंग बदलने में सफल रहे।
बजरंग को इस वर्ग में स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। चौबीस वर्षीय भारतीय पहलवान ने एशियाई खेलों से पहले लगातार तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किये थे। उन्होंने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में, जार्जिया में तबलिसी ग्रां प्री और इस्तांबुल में यासर दोगु अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खिताब जीता था।
अपनी स्वर्ण पदक बाउट से पहले बजरंग ने उज्बेकिस्तान के खासानोव सिरोजिद्दीन, ताजिकिस्तान के फेजिएव अब्दुलकोसिम और मंगोलिया के बातचुलुन्न बातमागनाई को हराया।
फाइनल में बजरंग ने पहला दांव ही टेक डाउन खेला था और छह अंक हासिल किए। इसी बीच जापानी खिलाड़ी ने दो अंक लिए। पहले राउंड का समाप्ति तक बजरंग 6-2 से आगे थे। जपानी खिलाड़ी ने दूसरे राउंड में 6-6 की बराबरी कर ली थी लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता बजरंग ने दो अंक लेकर स्कोर 8-6 और फिर 11-8 कर लिया स्वर्ण अपने नाम किया।
बजरंग ने अपना पदक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया। उन्होंने इस पदक का श्रेय अपने मेंटर योगेश्वर दत्त को भी दिया जिन्होंने 2014 में यह कारनामा किया था।