कानपुर। करीब एक हफ्ते चलने के बाद उत्तर प्रदेश मे जूनियर डाक्टरों की हड़ताल 6 मार्च को खत्म हो गई। हड़ताल करने वाले डाक्टरों पर सख्ती करते हुए प्रशासन ने एस्मा यानी एक ऐसा कानून लागू कर दिया है जिसके बाद जरूरी सेवाएं देने वाले सरकारी कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते हैं। इस हड़ताल के कारण उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गईं थीं। इससे प्रदेश के करीब 22 हजार मरीज प्रभावित हुए। 40 लोगों की तो जान भी चली गईं। इस हड़ताल की शुरुआत 28 फरवरी को कानपुर में मेडिकल कॉलेज के पास हुई। समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के बीच झड़प हुई थी। डॉक्टरों का आरोप है की इसके बाद इरफान सोलंकी ने पुलिस के साथ कॉलेज में घुसकर छात्रों और प्रोफेसरों को पीटा। इस मामले में इरफान सोलंकी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जा चुकी है।
एक हफ्ते बाद डाक्टरों की हड़ताल खत्म
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