जिला महोबा, ब्लाक पनवाड़ी, गांव बागौल। ई गांव में एक साल से शौचालय गड्ढा खुदे परे हे। बनवायें के लाने कोनऊ ध्यान नईं देत हे। सब बजट न आयें का बात कहके आपन पल्ला झाड़ देत हे।
धरमपाल अहिरवार, परमेश्वर दयाल बसोर ओर तारा बसोर कहत हे की हमाये गांव मे एक साल पेहले शौचालय आये हते। प्रधान कहत हतो की गड्ढा खोद लेओ। हमाये गड्ढा भी पुर गये हे। हमाई पूरी मेहनत भी बरबाद हो गई। गरीब आदमी अपने से शौचालय तो बनवा नई सकत हे। सोचत हते की बन जेहें तो रात गिरात ओर छोट-छोट बच्चन के लाने ठीक रेहे। राकेश ओर अरबिन्द कहत हे की हमाये खुदे गड्ढा खुले परे हे। छोट् बच्चन जा जानवरन के गिरें को डर बनो रहत हे। हमाये कमरा की दिवार बन गई हे ओर सीट भी जमगई हे। गड्ढा बस नई ढको हे ओर न कमरन मे छत परी हे। अगर इत्तो होके हमाई शौचालय चालू हो जाये तो अच्छो रहे। प्रधान बलराम अहिरवार कहत हे की एक शौचालय बनवायें खे लाने बारह हजार रूपइया आउत हे। सत्तर शौचालय बनवयें के लाने 54 हजार रूपइया आअे हतो, जोन सात छोटे-छोटे पुरवन में बनवा दये हे। बाकी को रूपइया नईं आओ जीसे नई बने हे। पनवाड़ी ए.डीओ. पंचायत नारद कहत हे की खाता मे रूपइया परो हे। उनके अधूरे शौचालय जल्दी ही पूरे करवाये जेहे।
एक साल के बाद भी नईं बने शौचालय
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