जिला बांदा, ब्लाक तिन्दवारी, कस्बा बेंदाघाट। हेंया का 63 के.वी.का ट्रास्फारमर 1 अक्टूबर 2013 से फुंका परा है। चालिस कनेक्शन धारकन का बिल बराबर भरैं का परत है।
मानसिंह, भोला, ढोला अउर गोला कहत हैं कि बिजली बिन बच्चन के पढ़ाई मा असर पऱत है। 63 के.वी. का ट्रास्फारमर 40 कनेक्शन का भार नहीं उठा पावत आय। या मारे बन के अउतै तुरतै फुंक जात है। चार किलो मीटर अमलीकौर गांव है होंआ से मोबाइल चार्ज अउर आटा पिसावैं जाय का परत है। बोआई का समय भी है बिना बिजली पलेवा का पानी भी नहीं मिलत आय। ज्यादा पावर का अउर नवा ट्रास्फारमर के मांग करत हैं।
तिन्दवारी पावर हाउस जेई बी.के. शुक्ला कहत है कि होंआ ट्रंास्फारमर रोज बेगरा बना रहत है। जइसे बनके आवत है लगाउतै फुंक जात है। काहे से गांव के मड़ई कटिया ज्यादा फांसत हैं। अबै फुंका है टाªस्फारमर तौ फेर से बनवा दीन जई। जिला बांदा, ब्लाक तिन्दवारी, कस्बा बेंदाघाट। हेंया का 63 के.वी.का ट्रास्फारमर 1 अक्टूबर 2013 से फंूका परा है। चालिस कनेक्शन धारकन का बिल बराबर भरैं का परत है।
मानसिंह, भोला, ढोला अउर गोला कहत हैं कि बिजली बिन बच्चन के पढ़ाई मा असर पऱत है। 63 के.वी. का ट्रास्फारमर 40 कनेक्शन का भार नहीं उठा पावत आय। या मारे बन के अउतै तुरतै फुंक जात है। चार किलो मीटर अमलीकौर गांव है होंआ से मोबाइल चार्ज अउर आटा पिसावैं जाय का परत है। बोआई का समय भी है बिना बिजली पलेवा का पानी भी नहीं मिलत आय। ज्यादा पावर का अउर नवा ट्रास्फारमर के मांग करत हैं।
तिन्दवारी पावर हाउस जेई बी.के. शुक्ला कहत है कि होंआ ट्रंास्फारमर रोज बेगरा बना रहत है। जइसे बनके आवत है लगाउतै फुंक जात है। काहे से गांव के मड़ई कटिया ज्यादा फांसत हैं। अबै फुंका है टाªस्फारमर तौ फेर से बनवा दीन जई।
एक महीना से फुंका ट्रास्फारमर
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