मध्य प्रदेश के दमोह में सरकारी अधिकारियों की काम न करने की आदतों से परेशान राज्यमंत्री गांधीगीरी पर उतर आए।
इस मंत्री ने खुद अनाज की बोरियां उठानी शुरू की और उसे सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने लगे।
दरअसल, दमोह के सरकारी खरीद केन्द्रों पर बारिश की वजह से चना की बोरियों के भीगने का खतरा पैदा हो गया था। दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री शिवचरण पटेल ने अनाज को बारिश से भीगने से बचाने के लिए इंतजाम करने को कहा। लेकिन अफसरों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
मानसून पूर्व बारिश की वजह से लाखों का अनाज यहां बर्बाद हो रहा था। जब अफसरों ने मंत्री की मांग पर ध्यान नहीं दिया तो वे खुद ही अपनी पीठ पर चने की बोरियां रख सुरक्षित जगह पर पहुंचाने लगे।
बता दें कि कुछ ही दिन पहले राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर चना खरीदा है। लेकिन ये चना अभी भी भंडारण का इंतजाम नहीं होने की वजह से खुले आसमान में पड़ा है। बारिश की वजह से चने की बोरियां खराब हो रही है।
दर्जा प्राप्त मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल से जब पूछा गया कि वे खुद चने की बोरियां क्यों उठाने लगे तो उन्होंने कहा कि वे खुद एक किसान हैं, और जानते हैं कि किसान कैसे मेहनत कर एक-एक दाने को उगाता है। जबकि सरकारी अधिकारी किसान की मेहनत को यूं जाया कर रहे हैं।