पन्द्रह साल पहिले हिंया सात लाख अस्सी हजार की लागत से उपस्वास्थ्य केंद्र बनावा गा रहै। पै या एकौ दरकी नहीं खुला आय, यहिमा ताला लाग रहत हवै। केंद्र मा गांव के मड़ई कब्जा करें हवै अउर लकड़ी-कंडा रखत हवैं मड़ई बतावत हवैं कि 2009 मा उपकेन्द्र बनावा गा रहै पै अबै तक अधूरा पड़ा हवै इलाज खातिर मानिकपुर अउर कर्वी जायें का पड़त हवै या समस्या जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव बरहट के आय।
बेटालाल बताइस कि उपकेन्द्र बने आठ-दस होइ गें हवैं ।देख भाल न होय के कारन केंद्र गिरा पड़ा हवै। मड़इन का जहां सुविधा मिलत हवै हुंवा दवाई करावै जात हवै।बिशाखा देवी बताइस कि गर्भवती मेहरियन का मानिकपुर लइके जायें का पड़त हवै तौ प्राइवेट गाड़ी करे का पड़त हवै। रतिराम का कहब हवै कि उपकेन्द्र अधूरा पड़ा हवै यहिके खातिर कइयौ दरकी दरखास दीन गें हवै। पक्ष-विपक्ष के कारन उपकेन्द्र नहीं बनत आय। चौकीदार बंसी लाल का कहब हवै कि सरकारी उपकेन्द्र मा कउनौ नहीं रहत आहीं। मड़ई हिंया लकड़ी –कंडा रखत हवै। मानिकपुर अस्पताल के अधीक्षक डाक्टर राजेश कुमार सिंह का कहब हवै कि पिछले साल उपकेन्द्र मा गेट लगावा गा रहै लाइट,पानी अउर पोताई बाकी रहै। कउनौ कारन काम रुक गा रहै बहुतै जल्दी काम शुरू करावा जई।
रिपोर्टर-सहोद्रा
Published on Nov 30, 2017