इनकी मोहब्बत ने तोड़ दिए समाज के बंधन, न तो जाति का रुतबा इन्हें रोक पाया, न तो उम्र के अंतर ने इनकी मोहब्बत को कम होने दिया। आइये जानते है वाराणसी जिले के नन्दलाल और रंजू सिंह की प्यार भरी दास्तान।
नन्दलाल अपनी प्रेम कहानी के बारें में बता रहे है कि हम 1999 में पहली बार मिले थे। वो लोक चेतना समिति के आफिस में काम करने आयी थी और मैं भी वहां कुछ अनुभव लेने गया था। उसके बाद दोनों ने महसूस किया कि हम नजदीक आ रहे है। उस समय 2003 में कोका कोला का प्रदर्शन चल रहा था और हम दोनों को भी जेल जाना पड़ा। जब बाहर निकलकर आये तो मैने उससे शादी के लिए कहा फिर परिवार को मनाना था क्योंकि हमें भागकर और बगावत करके हमें शादी नहीं करनी थी और हम चाहते थे कि समाज भी हमारी शादी को स्वीकार करें। तब हमनें समय लिया और परिवार और समाज को मनाने के बाद शादी की। आज सभी खुश हैं।
रंजू सिंह ने अपनी शादी के बारें में बताया कि लड़का अच्छा और संवेदनशील है और महिलाओं के प्रति अच्छी सोंच है तो शादी करनी चाहिये।लेकिन जाति अलग-अलग होने के कारण परिवार वाले तैयार नहीं हो रहे थे। नन्दलाल परिवार के मुखिया थे तब परिवार वाले तैयार हो गये और शादी में पूरा सहयोग किया।
रिपोर्टर- अनामिका