जिला बांदा, ब्लाक बड़ोखर खुर्द, गांव कुलकुम्हारी। हेंया तीन लोग टी.बी. के बीमारी से ग्रसित हैं। टी.बी. सरकारी अस्पताल से चलैं वाला डाट्स का इलाज कउनौ असर नहीं देखावत आय।
हेंया के त्रिजोगी नारायण का कहब है कि वहिके लड़का सुरेन्द्र पाल का चार साल से टी.बी. के बीमारी है। नये गांव छावनी का इलाज चलत है। यहिके पहिले बांदा जिला के सरकारी जिला अस्पताल का भी इलाज चला है, पै कउनौ फायदा निहाय।
अड़तालिस साल का रामबहादुर कहिस कि वहिका चार साल से टी.बी.के बीमारी है। नये गांव छावनी का इलाज चलत है। दवाई करावैं मा पचास हजार रूपिया लाग चुका है।
पैंतालिस साल के कृष्णा बतावत है कि वा एक साल से बीमार है। खांसी आवत है जुकाम बनी रहत है। बुखार आवत है अउर बदन, सिर दर्द होत है। बांदा शहर के डाक्टर एन.डी. शर्मा के हेंया इलाज चलत है। कुछ दिन नये गांव छावनी का भी इलाज चला है।
फूला देवी कहिस कि वहिकर पति रामेश्वर का दुई साल से टी.बी. के बीमारी है। नये गांव छावनी का इलाज चलत है।
आशा कार्यकर्ता अरूणा देवी का कहब है कि सुरेन्द्र पाल अउर रामबहादुर के टी.बी. बीमारी का इलाज डाट्स से भी चला है। एक साथै सात-सात गोली खाय का परत है। या मारे सब डाट्स का इलाज नहीं कई पावत आय।
जिला क्षयरोग अधिकारी डाक्टर एम.सी. पाल का कहब है कि डाट्स का इलाज बहुतै नींक अउर सफल है। सब कोऊ बीमारी पूरीतान से नींक होय का कोर्स नहीं कई पावत आय।
एक गांव मा चार टी.बी. के मरीज
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