अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन ने एएमयू से ‘मुस्लिम’ शब्द हटाने के सुझाव को असंगत करार दिया है।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) को दी गई अपनी प्रतिक्रिया में एएमयू ने पैनल के इस सुझाव को निरर्थक बताया है और कहा है कि पैनल ने यूनिवर्सिटी के लंबे इतिहास और विशिष्ट चरित्र को अनदेखा किया है।
एएमयू के रजिस्ट्रार जावेद अख़्तर ने सरकार को लिखा है कि ‘यूनिवर्सिटी का नाम हमें हमारे इतिहास, उद्देश्य और चरित्र की याद दिलाता है और इसे बचाकर रखना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है।’
खबर के मुताबिक, अख्तर ने आगे कहा, ‘पैनल को लगता है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से मुस्लिम हटाने से इसमें सेक्युलरिज्म आ जाएगा, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि भारत का धर्म निरपेक्षता का कॉन्सेप्ट न्याय और समानता के सिद्धांतों से लिया गया न कि पश्चिम में प्रचलित मज़हब मुख़ालिफी से।’
बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में यूजीसी ने 10 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के खिलाफ अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद जांच के लिए पांच समितियों का गठन किया था।
हालांकि इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार यूनिवर्सिटी का नाम नहीं बदलेगी।