देश में ऊंची जाति के हिन्दुओं में पुलिस का भय न के बराबर है, क्योंकि अधिकतर पुलिस उनके समर्थन और सर्म्पक में होती है। ‘कॉमन कॉज’ और ‘सेंटर फॉर दी स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी’ द्वारा कराए गए ‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया 2018’ नाम के एक सर्व में ये बात सामने आई है।
राष्ट्रीय अपराध आंकड़ों के अनुसार देश में 55 प्रतिशत विचाराधीन कैदी मुस्लिम, दलित और आदिवासी समुदाय से हैं। वहीं झारखंड में 500 आदिवासी जेल में धीमी न्यायालय की रफ्तार के कारण बन्द हैं। सच्चर समिति के अनुसार मुस्लिम समुदाय का सरकारी नौकरी में कम प्रतिनिधित्व है, जिस कारण से पुलिस बल में इस समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहिए, जिससे इस समुदाय का उत्थान किया जा सके। हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य के 75 जिलों में पुलिस एसपी में 13 ठाकुर, 20 ब्राह्मण,1 कायस्थ,1 वैश्य,1 भूमिहार और 6 अन्य उच्च जातियों के लोग हैं। ऊंची जाति के हिन्दुओं में पुलिस का कम डर है, तो दूसरी तरफ सिख समुदाय में ये डर सबसे ज्यादा देखा गया है। राज्यों के हिसाब से देखें तो पंजाब में पुलिस का डर सबसे ज्यादा है, उसके बाद तमिलनाडू, कर्नाटक जैसे राज्य इस सूची में आते हैं।