10वीं और 12 वीं कक्षा के परीक्षाफल में हमारी बेटियों ने हर साल की तरह इस साल भी सबसे ज्यादा अंक पाये हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि यदि उन्हें मौके मिले तो वे भी हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकती है।
वहीं दूसरी तरफ बेटियों के साथ बढ़ते बलात्कार और छेड़छाड़ जैसी घटनाएं उन्हें घरों में बंद करने की कोशिश भी कर रही हैं। हालिया दो घटनाएँ जून में ही सामने आई हैं। जिसमें झांसी की एक लड़की के साथ भरे बाजार में छेड़छाड़ और हत्याका प्रयास किया गया और दूसरी घटना में चित्रकूट जिले के मउ ब्लाक में शिवपूर चौराहे पर छेड़खानी की वारदात सामने आई।
घटना अनुसार, अखिलेश नाम के युवक ने सुबह 9 बजे कोचिंग से आ रही एक लड़की के साथ छेड़खानी और अभ्रद व्यवहार किया।
शिकायतकर्ता और उसके परिवार के अनुसार, वह लड़का लड़की को कई महीनों से परेशान कर रहा था, जिसकी शिकायत भी अखिलेश के घर में की गई थी। लेकिन अखिलेश इसके बाद भी उसने लड़की का पीछा करना नहीं छोड़ा।
लड़की के भाई ने बताया कि हम लोगों ने उसके परिवार में भी शिकायत की लेकिन फिर भी वो लड़का नहीं माना। हमने पुलिस में शिकायत नहीं कि क्योंकि इस तरह की बातें लड़की का भविष्य खराब कर देती हैं।
इस घटना में आरोपी अखिलेश की गिरफ्तारी भी हुई थी लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से भाग चुका हैं और अब शिकायतकर्ता के परिवार के लोगों को डर हैं कि वह उन्हें कोई नुकसान न पहुंचाए।
इस मामले में सीओ, राजेश का कहना है कि हमने तत्काल कार्यवाही की है और आगे भी आरोपी को पकड़ने की कोशिश जारी है।
लड़की के भाई का कहना है कि यदि पुलिस इस बारे में कुछ नहीं करती तो हम ऊपर तक जायेंगे और अपनी शिकायत रखेंगे। हमें लगातार धमकियां मिल रही हैं और हमें डर है कि कल को कुछ बुरा न हो जाये।
इस घटना ने हमारे समाज के सामने एक सवाल खड़कर दिया कि आखिर कब, हमारी बेटियां बिना किसी डर के अपने घरों से बाहर बेहिचक स्कूल, कॉलेज, बाजार में घूम पायेगी। साथ ही क्या शासन व्यवस्था उन्हें ये सुरक्षा दे सकेगी?
रिपोर्टर- सुनीता देवी
Published on Jun 30, 2017