फिल्मी परदे पर शरारतें करती, हंसती खिलखिलाती जोहरा सहगल फिल्म प्रेमियों को जरूर याद होंगी। शायद इसी वजह से अमिताभ बच्चन ने उन्हें उनके सौवें जन्मदिन में 100 साल की बच्ची कहा था। उन्होंने कहा था कि वह इस उम्र में भी ऊर्जा से भरी हुई हैं। मैंने उन्हें कभी निराश या दुविधा में नहीं देखा।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जन्मी जोहरा की उच्च शिक्षा जर्मनी में हुई। उन्होंने एक इंटरव्यु में कहा था कि हम एक जमींदार घराने से थे। ऐसे में लड़कियों को शिक्षा देने पर पाबंदी थी। लेकिन मेरी मां ही थीं, जो मुझे पढ़ाना चाहती थीं। उन्होंने मेरे सपनों को उड़ान दी और मैंने उस सपने के पूरा होने के बाद उसे भरपूर जिया। लोग कहते हैं जैसे जैसे उम्र बढ़ती है जोश और ऊर्जा घटती है। लेकिन मैंने हर पल अपनी कला की दुनिया के रंगों को अपनी जिंदगी में और चटख होते देखा। दरअसल मुझे लगता है कि ऊर्जावान रहने का एक फार्मूला होता है। आप जब तक सक्रिय रहते हैं ऊर्जावान रहते हैं और सही मायनों में जिंदा रहते हो। जैसे ही आप रुक जाते हो, आप बूढ़े हो जाते हैं। इसलिए मुझ पर कभी उम्र हावी ही नहीं हुई।
जोहरा 102 साल तक जीं। 1952 में उनके पति का देहांत हो गया था। लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी जीने का तरीका नहीं बदला। उनकी बेटी ने बताया कि आखिरी वक्त और मरने के बाद तक उनके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी। उनकी पूरी जिंदगी के बारे में जानने के बाद यह कहना बिल्कुल ठीक होगा कि जोहरा की जिंदगी, जिंदगी जीने की कला पर लिखी गई बेहद व्यवहारिक किताब है।