उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपनी किताब ‘मूविंग ऑन, मूविंग फॉरवर्डः अ इयर इन ऑफिस’ के विमोचन के मौके में कहा कि संसद को जैसा काम करना चाहिए वह वैसा काम नहीं कर पा रही हैं। मुझे अपनी अध्यक्षता में राज्यसभा के दो सत्रों के दौरान कार्यवाही से निराशा को किताब में बताने में कोई शर्म नहीं है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने संसद में हंगामे पर कहा कि राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर सभी पाटियों को एकजुट होना चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों से कहा कि वे अपने सदस्यों के लिए सदन के अंदर व बाहर दोनों जगह के लिए आचार संहिता पर सर्वसम्मति बनाएं। अगर ऐसा नहीं होता है, तो जल्द ही लोग राजनीतिक प्रक्रिया व संस्थानों से अपना विश्वास खो देंगे।
उपराष्ट्रपति ने मानसून सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि इस सत्र में नए संकेत मिले हैं, और ये आगे भी बनी रहेगी ये उम्मीद की जा सकती है। मेरा ये प्रयास है कि इस संस्थान के कद के अनुसार जानकारीपूरक व गरिगापूर्ण बहस हो। सभी पार्टियों को राजनीतिक विचारधारा से आगे बढ़कर राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर एकजुट होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति के रुप में एक साल पूरा कर लिया है। इस मौके पर उनकी एक किताब का विमोचन किया गया। इस विमोचन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई बड़े राजनेता थे। किताब ‘मूविंग ऑन, मूविंग फॉरवर्डः अ इयर इन ऑफिस’ का विमोचन प्रधानमंत्री मोदी ने किया।