उत्तर प्रदेश। 13 सितम्बर को हुए विधानसभा उपचुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी का सफाया कर दिया। भाजपा ने बारह में से सिर्फ तीन सीटें जीतीं, बाकि सपा के हाथ आईं।
इन नतीजों को भाजपा और मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हाल ही में भाजपा की कमान अमित शाह ने सम्भाली थी। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए भाजपा ने चुना था। भाजपा के दोनों दाव उल्टे पड़ गए। इन नतीजों को 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। महोबा में चरखारी, वाराणसी में रोहनिया, मुरादाबाद में ठाकुरद्वार, हमीरपुर, बिजनौर, लखीमपुर खीरी में निघासन, मैनपुरी, बहराइच में बाल्हा, और कौशाम्भी में सिराथू में सपा जीती और सहारनपुर, पूर्वी लखनऊ और नोएडा की सीटें भाजपा को मिलीं।
क्यों हारी भाजपा?
लखनऊ के काकोरी ब्लाक में लोगों ने कहा कि चुनाव में लोग पार्टी नहीं उम्मीदवार के आधार पर वोट डालते हैं, इसलिए सपा जीती है। पान की दुकान चलाने वाले राजेश प्रसाद ने बताया कि प्रधानमंत्री ने लोगों की समस्याओं से ज़्यादा विदेश पर ध्यान दिया है। इतने दिनों में लोगों की समस्याएं वैसी ही हैं।