जिला उन्नाव। जिले के पुलिस लाइन इलाके में 29 जनवरी को सौ से ज्यादा नरकंकाल मिलने से हंगामा खड़ा हो गया है। नरकंककाल यानी इंसानों की हड्डियों के ढांचे एक मकान के एक कमरे में बोरों में भरे पाए गए। यह मकान लंबे समय से खाली पड़ा है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मकान पुलिस स्टेशन के करीब है।
केंद्र गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं। एक हफ़्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर चुकी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यानी एस.एस.पी. रामकृष्ण यादव ने कहा कि अभी तक हुई जांच में यह पता चला है कि इस जगह कभी अस्पताल हुआ करता था। जिला सी.एम.ओ. ने भी बताया कि यह पुलिस का पुराना अस्पताल है। इसी वजह से इन नरकंकालों को रखा गया हो। कई तरह के अपराधों के खुलासे के लिए हड्डियों से बने शरीर के ढांचे की जांच होती है।
2008 में यह नियम था कि जो नरकंकाल मिले उन्हें जांच के लिए रख लिया जाता था। शायद यह वही नरकंकाल हों। हालांकि पुलिस का कहना है कि यह मामला किसी गंभीर अपराध का भी हो सकता है। इसलिए जांच पूरी होने के बाद ही हम कुछ कह पाएंगे।
यह पहला मामला नहीं है। जिसने पूरे प्रदेश को हिला दिया हो इससे पहले कानपुर के बिठूर और उन्नाव जिले की सीमा से लगे परियर गांव से सटे परियर घाट पर गंगा नदी में दो सौ ज्यादा लाशें तैरती हुई पाई गईं थीं। अभी तक इन शवों के बारे में भी कुछ नहीं पता चला है।
उन्नाव में नरकंकाल मिलने से हंगामा
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