कुपोषण रोकैं के ताई सरकार जेतनै नया नया नियम लगाय के तरह तरह सुविधा दियत बाय। वतनै कुपोषण कै स्थिति काफी खराब बनी बाय। योजना कै कउनौ असर नाय परत बाय।
फैजाबाद मा कुपोषण कै स्थिति यतनी खराब बाय कि एक आंगनवाड़ी केन्द्र मा कम से कम चार पांच गेदहरा कुपोषित मिलाथिन। अउर उनका सिर्फ पंजीरी दीन जात बाय। जेसे उनकै स्वास्थ्य का कउनौ सुधार नाय हुवत बाय। जब आंगनवाड़ी कार्यकत्री का ई नाय जानकारी बाय कि कुपोषित गेदहरन के ताई कवन सुविधा आवाथै या अति कुपोशित गेदहरन के ताई कवन सुविधा आवाथै या अति कुपोषित गेदहरन का कहां भेजा जाथै। तौ वै कुपोषित गेदहरन का काव बतइहैं कि काव खाय पियै का चाही। शासन प्रषासन के यतना सुबिधा दियै के बावजूद कउनौ काम नाय हुवत बाय। कइयो आंगनवाड़ी कार्यकत्री एस हइन जवन रजिस्टर मा नाय चढ़उतिन कि केतना गेदहरा रोज आवाथिन या केतना गेदहरन का पोषाहार दियागै। तौ कवन मेर सुविधा मिले। अपने मन से रजिस्टर पै बढ़ाय चढ़ाय के लिख दियाथिन। वकरे बाद पोषाहार कै कमी देखाय दियाथिन। जवन गेदहरन के साथे तो खिलवाड़ होतै बाय साथ साथ नियम कै उलंघन भी हुवत बाय। कुपोषण के बारे मा काफी जागरूकता बढ़ावै के जरूरत बाय। जेसे सरकार द्वारा लगाय गै नियम सार्थक साबित हुवय।
उत्तर प्रदेष मा कुपोषण कै स्थिति गम्भीर
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