नीति आयोग ने देश के 201 जिले शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के मामले में पिछड़े और बेहाल हैं. आश्चर्य की बात यह है कि इन जिलों में 25 फीसदी जिले भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के हैं। उसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश का नंबर आता है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने ‘युवाओं के देशांतर सर्वे’ को जारी करते हुए कहा कि देश के बदहाल जिलों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 53, बिहार के 36 और मध्य प्रदेश के 18 जिले आते हैं।
वहीं नीति आयोग का ये भी कहना है कि दक्षिण और पश्चिम भारत के साथ कोई समस्या नहीं है। बदहाल केवल पूर्वी भारत के सात राज्यों के 201 जिले हैं। आयोग का यह भी कहना है कि इन जिलों को बदले बगैर देश में कभी बदलाव नहीं आ सकता।
कांत ने कहा कि वास्तविक समय के डेटा की उपलब्धता, सार्वजनिक डोमेन में बहुत नजदीकी से निगरानी और राज्यों की रैंकिंग से ही यह समस्या दूर होगी।
बकौल कांत, ऐसे राज्यों के नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्म का अहसास दिलाना चाहिए, क्योंकि नेता और सरकारी अधिकारी को यह महसूस होना चाहिए कि उन्हें दंडित किया जा सकता है। अगर आप स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में अपना प्रदर्शन नहीं सुधारते हैं तो मतदाता आपको खारिज कर देंगे।
उत्तर प्रदेश के 25% जिले शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के मामले में सबसे पिछड़े
पिछला लेख