जिला बांदा। बांदा से सिंहपुर तक पचास किलोमीटर सड़क पांच साल से उखड़ी पड़ी है। सड़क मा गड्ढ़ा गड्ढ़ा होई गे हैं। पचासन गांवन का जोड़ै वाली या सड़क मा चलैं वाली प्राइवेट बसैं अतरे दिन पंचर होई जात हैं।
24 सितंबर का बांदा से सिंहपुर का सफर करैं वाले राजबहादुर, बंशी अउर गोपाल बतावत हैं कि सिंहपुर जाय मा पूरा दिन बीत जात है। अगर सड़क बनी होत तौ सिर्फ दुई घण्टा का रास्ता है।
बिसण्ड़ा से बांदा जाय वाली सुखदेइया, रानी अउर इंद्रानी बताइन कि उनके परिवार के बहू दवाई करावैं खातिर जिला अस्पताल मा भर्ती है। कइयौ दरकी फोन आ चुका है कि होई सकत है कि कानपुर लई जाय का परै तौ हम देख भी न पावब। काहे से बस इनतान चलत है कि बैलगाड़ी फेल है। प्राइवेट बस नम्बर यू.पी. नब्बे टी. जीरो चार सौ इकहत्तर का कंडेक्टर अउर ड्राइवर कहिन कि अतरे दिन बस पंचर होई जात हैं। नवा टायर एक महीना भी नहीं चलत आय।
पी.डब्लू.डी. खण्ड एक से जानकारी मिली कि जुलाई 2014 मा छह करोड़ रूपिया के बजट का प्रस्ताव बना के लोक निर्माण विभाग लखनऊ का भेजैं का रहै। विभाग के हिसाब से प्रस्ताव मा कुछ कमी रहै। अब दुबारा से प्रस्ताव बनैं का काम चलत है जेहिका बहुतै जल्दी भेजैं के कोशिश है।
उखड़ी पड़ी सड़क परेशानी भरा सफर
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