ईरान में छत्तीस साल बाद किसी महिला को राजदूत नियुक्त किया गया। हालांकि मर्ज़ीह अफ़ख़म को किस देश में नियुक्त किया जाएगा यह घोषणा अभी नहीं हुई है। मर्ज़ीह ईरान में बेहद सक्रिय महिला मानी जाती हैं।
ईरान में 1979 में इस्लामिक क्रांति हुई थी। उसके बाद से ईरान में कोई महिला राजदूत नहीं बनी। इस क्रांति से पहले सत्तर के दशक में मेहरान्गीज दौलतशाही ने डेनमार्क के राजदूत के रूप में काम किया था। 1979 से पहले ईरान इस्लामिक देश नहीं था। इसका पुराना नाम पारस था। यहां के लोग बेहद आज़ाद ख्यालों के थे। औरतों की आज़ादी पर पाबंदी नहीं थी। मगर इस्लाम राष्ट्र घोषित होने के बाद सबसे पहले औरतों को अपनी आज़ादी खोनी पड़ी।
ईरान में छत्तीस साल बाद बनीं महिला राजदूत
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