जिला वाराणसी। सरकार के तरफ से नियम हव कि हर गावं में एक आशा बहू रहियन। अइसन भयल भी। हर गावं में आशा बहू हईन। लेकिन इ आशा बहू लोगन के का काम हव। ओनके खुद नाहीं पता।
सरकार के तरफ से नया नियम आएल हव कि र्गीावती मेहरारू के डिलीवरी के बाद मिले वाला चेक अब आनके खाता में भजी। जेकरे पास खाता नाहीं हव उ तीन महीना तक चेक रख के फिर फाड़ के फेंक देत हव। काहें से कि ओन लोग के इ समझ में आवत हव कि चैदह सौ के चेक खातिर के एक हजार लगा के खाता खेलवाई। लेकिन ओन लोग के इ बात नाहीं मालूम हव कि आशा बहू लोग ब्लाक से डिलीवरी के एक महीना पहिले रजिस्ट्रेषन करवा देहियन त बिना पइसा के खाता खुल जाई। आशा बहू के एक छोटी सी जानकारी ना होवे से गर्भवती मेहरारून के केतना नुकसान होत हव।
सरकार के भी कउनों भी तरह के नियम में उलटफेर करे से पहिले या तो कउनों भी नियम बदले से पहिले यक बार आशा बहू लोग के बुला के ट्रेनिंग देवे के चाही ताकि आगे से ओनलोग से कउनों भी तरह के भूल ना होवे।
इ कईसन आशा बहू हईन
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