जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं हथियरकला। इहां के प्राथमिक विद्यालय के शौचालय में ताला लगल हव। बच्चन के खाए के खाना भी खिचड़ी आउर दाल चावल ही मिलला।
इ स्कूल के माधुरी, चमेली के कहब हव कि शौचालय में ताला लगले एक साल हो गएल हव। इहां के बच्चन शौचालय करे खातिर के स्कूल के पीछे जहियन या ता फिर सड़क के किनारे। एक से पांच तक के स्कूल में केवल 110 लइकी लइकन पढ़लन। ना तो इहंा ठीक से पढ़ाई होला। आउर ना तो ठीक से कउनों चीज के सुविधा हव। खाना भी दाल चावल मिलला। आसपास के लोग के कहब हव कि इ स्कूल के हालत देख के अपने लइकी लइकन के एमे नाहीं पढ़ाई। स्कूल के अध्यापक अरूण कुमार आउर अजय सादव के कहब हव कि इहां पास में ही प्राइवेट स्कूल खुल जाए से इ स्कूल में कम बच्चन पढ़े आवलन। खाना भी रोज रोज बदल के मिलला। कभी कभी जब दाल चावल बच जाला त एक ही में मिला के दे देवल जाला।
स्कूल के इ हालत के बारे में जब गावं के प्रधान पप्पू से पूछायल त ओनकर कहब हव कि हमके नाहीं मालूम कि शौचालय खुलल हव या बनद पड़ल हव। खाना रोज बदल के दियाला। आज लकड़ी ना रहले से खिचड़ी नाहीं बनल हव। कल हम लकड़ी गिरवा देब
इ कइसन स्कूल हव
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