जिला वाराणसी, नगर क्षेत्र, सराय मोहाना। वरूणा नदी जेके इहां के लोग संगम कहलन। इ नदी के पार करे खातिर के लकड़ी के पुल बनल हव। जेपर से लगभग बाइस गाँव के लोग सफर करलन। इ पुल के पार करे में एक लोग के एक रूपया अगर कोई साइकिल से हव त ओकर दू रूपया लगला।
इ लकड़ी के पंल बनले दस साल हो गएल हव। इहां के लोग हमेशा एके देखल करलन कि कहीं से कउनो खराबी त नाहीं हव त तुरन्त बदल देहियन। इहाँ के लोग चाहत हयन कि इ लकड़ी के पुल की जगह पक्का पुल बन जाए ताकि आवे जाए में दिक्कत ना रहे। इलकड़ी के पुल त हर समय हिलल करला। अगर ज्यादा सामसन रहला तब भी इहाँ से लेके गुजरे में डर लगल करला। इहां के कुछ लोग बतइलन कि पुल निर्माण खातिर के हमने कई जगह जैसे कचहरी, आशापुर धरना देहली लेकिन कउनों सुनवाई नाहीं भएल।
जब इ सब बात के लेके प्रधान शम्भू साहनी से पूछायल त ओन कहलन कि अभही त ठीक हव लेकिन बरसात के दिन में ओपर से जाए लायक के नाहीं रहत। हमने बहुत कोशिश कइली लेकिन नाहीं बनल अब त उम्मीद भी छोड़ देहले हई।