सहारनपुर। आजकल अपने मोबइल पर खुद की फोटो खींचकर फोटो फेसबुक में डालने का चलन बढ़ रहा है । पर इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल दलूम देवबंद ने इसे नाजायज़ और इस्लाम के खिलाफ बताया है। दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर हज़ यात्रा या मस्जिद में फोटोग्राफी को पूरी तरह से गलत बताया है। फतवा विभाग का कहना है कि बहुत तकदीर वालों को हज यात्रा नसीब होती है। यात्रा में केवल अल्लाह का ही नाम लेना चाहिए। अबुल कासिम नौमानी का मानना है कि धर्मस्थल का एक बार फोटो लेने के बाद प्रिंट बनकर आता है। इसके बाद जाने-अनजाने में जब वह नीचे गिर जाता है तो पैरों में आता है।