करीब तीन दशकों की कड़ी मेहनत और कुछ असफलताओं के बाद आज इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) अपना सबसे बड़ा सैटेलाइट(अंतरिक्ष में छोड़े जाने वाला यान) उड़ने को तैयार है।
नई पीढ़ी के हैवी लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी एमके-III रॉकेट को ‘फैट ब्वॉय‘ नाम दिया गया है। इस रॉकेट के जरिए 3,136 किलोग्राम के सूचना पहुँचाने वाले सैटेलाइट जीसैट-19 को अंतरिक्ष की कक्षा में भेजा जाएगा।
इस रॉकेट के तीन प्रपोल्शन, सॉलिड एस200, लिक्विड एल110 कोर स्टेज और सबसे ताकतवर क्रायोजनिक अपर स्टेज को भारत में ही विकसित किया गया है। फैट ब्वॉय के आने के साथ ही देश में ही भारी रॉकेट को विकसित करने वाली इसरो की क्षमता को भी टेस्ट होगा जायेगा।
यह रॉकेट चार टन के सूचना पहुँचाने वाले सैटेलाइट को उच्च कक्षा में ले जाने में सक्षम होगा। इस रॉकेट का वजन पूर्ण विकसित 200 हाथियों के बराबर होगा। यह सैटेलाइट देश भर में डाटा कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।
4 जून को श्री हरिकोटा से इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग का काउंटडाउन दोपहर 3:58 मिनट पर शुरू हुआ। इस रॉकेट को 5 जून को श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से शाम 5:28 मिनट पर छोड़ा जाएगा।
तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के के सिवान ने बताया कि काउंटडाउन की सारी गतिविधियां ठीक तरीके से हो रही हैं। यह पूरी तरह से नया छोड़े जाने वाला साधन है इसलिए नए सिस्टम से जुड़ी चुनौतियां और जटिलताएं भी होंगी। ऐसे में यह हम सबके लिए एक चुनौतीपूर्ण मिशन बन गया है। 16 मिनट की उड़ान के बाद रॉकेट जीसैट-19 को इसकी तय कक्षा में रख देगा।