प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान से बात कर उन्हें पाकिस्तान चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के मुखिया होने पर बधाई दी। मोदी ने कहा कि इससे पाकिस्तान में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होंगी।
सूत्रों का कहना है कि इमरान खान की भावी नीतियों को देखने के बाद ही भारत तय करेगा कि दोनों देशों में बातचीत की गुंजाइश है या नहीं। कोई भी फैसला इसी आधार पर होगा कि पाकिस्तान आतंक का रास्ता छोड़ दे। आतंक और बातचीत एक साथ संभव नहीं। मोदी से पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भी इमरान खान को फोन कर चुके हैं।
बता दें, पाक संसद में सबसे पड़ी पार्टी बनकर उभरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
नेशनल असेंबली में दूसरे नंबर की पार्टी पीएमएल-एन और तीसरे नंबर पर रही पीपीपी ने इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति में एक साथ आने का फैसला किया है। संसद में पीएमएल-एन के 64 और पीपीपी के 43 सदस्य हैं। दोनों पार्टियों ने कहा है कि इमरान सरकार के खिलाफ संयुक्त रणनीति अपनाई जाएगी।