अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान हिलेरी क्लिंटन ने पत्रकारों से कहा, “आज-कल माता-पिता मुझे आकर बोलते हैं कि वह मेरा समर्थन अपनी बेटियों के कारण कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस देश में ऐसा समय आया है जब माता-पिता अपनी बेटियों को देखकर कह सकते है कि वह यहाँ कुछ भी बन सकती है, अमेरिका की राष्ट्रपति भी।”
8 जून को हिलेरी क्लिंटन ने इतिहास रचा। डेमोक्रेटिक पार्टी में जरूरी प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करके हिलेरी अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी है।
नवम्बर के चुनाव में अगर वह जीत हासिल करती है तो हिलेरी दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र की पहली महिला राष्ट्रपति बनेंगी। अमेरिका में महिलाओं को मताधिकार छियानवे साल पहले मिला था, लेकिन अभी तक इस उच्च पद के लिए कोई महिला खड़ी नहीं हुई थी।
हिलेरी की यह जीत महिला अधिकारों की भी जीत है। लगातार चैदह साल से हिलेरी ने अमेरिका की राजनीति में अपना नाम बनाया है। जितना राजनैतिक अनुभव हिलेरी ने पाया है, उतना अमेरिका के इतिहास में किसी महिला ने हासिल नहीं किया है। इतना ही नहीं इस राष्ट्रपति चुनाव में भी सारे उम्मीदवारों से ज्यादा अनुभव हिलेरी का है।
हिलेरी वाइट हाउस की पहली ‘फर्स्ट लेडी’ है जो काम करती थी और जिनका राष्ट्रपति के साथ-साथ ऑफिस था।
वह अमेरिका के कांग्रेस में सीनेटर और राष्ट्रपति बराक ओबामा के कैबिनेट में भी रह चुकी हैं।
2008 में भी उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनने की कोशिश की, लेकिन वह बराक ओबामा से हार गयी थी।
हिलेरी बराक ओबामा जितनी अच्छी वक्ता नहीं है, ना ही वह रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प की तरह हंगामा करने वाली नेता है। उन्होंने बीस सालों की राजनैतिक करियर में कठोर परिश्रम किया है, कई चुनौतियों का सामना किया है।
डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनके हिलेरी ने इतिहास रचा है लेकिन इनका असली काम अभी बाकी है।
इतिहास रचने वाली ‘हिलेरी क्लिंटन’!
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