रुख
कलाकार: आदर्श गौरव, मनोज बाजपाई, स्मिता ताम्बे, कुमुद मिश्रा
निर्देशक: अतानु मुख़र्जी
बोर्डिंग स्कूल में पढने वाले ध्रुव (आदर्श गौरव) के घर आने का कारण एक त्रासदी से जुड़ा है। कारण है उसके पिता दिवाकर (मनोज बाजपाई) की अचानक मौत। रात में हुए कार हादसे के शिकार, पिता के इस तरह अचानक से जाने का दुःख ध्रुव झेलने की कोशिश करता है। लेकिन इस शोक के बीचोबीच है छुपा एक राज़। या शायद कई राज़।
ध्रुव को ये महसूस होने लगता है की उससे कुछ बाते छुपाई जा रही हैं। उसके मन में उठे कई सवालों को उसकी उसकी माँ नंदिनी (स्मिता ताम्बे) अनदेखा कर देती है। और ध्रुव के लिए अब दिवाकर की मौत एक पहेली बन जाती है जिसके लिए उसे एक सफ़र पर जाना पड़ता है। ये सफ़र अंदरूनी भी है, क्योंकि इसमें ध्रुव अपने ही अतीत से रूबरू होने को है।
क्या है ये रहस्य? क्या दिवाकर की मौत हादसा नहीं, हत्या थी? क्या नंदिनी इस बारे में कुछ और जानती है? एक जासूसी कहानी होने के साथ, ‘रुख’ फिल्म अपने व्यक्तित्व और पहचान पर भी कई सारे सवाल खड़े करती है।