जिला वाराणसी, ब्लाक हरहुआ, गावं भोहर राजभर बस्ती। इ बस्ती में पाँच घर हव। इहां आवास नाहीं मिलल हव। लोग पन्द्रह साल से कोई मड़ई लगा के त कोई साड़ी से घेर के आपन गुजारा करत हयन। आवास खातिर के कई बार प्रधान से कहलन लेकिन अभहीं तक कुछ नाहीं भयल।
इहां रहे वाले परदेशी के कहब हव कि हम करीब चैदह साल से जब से हमार शादी भयल हव तब से हम अभहीं तक हमने एहीं मड़ई में रील जाला। ओही में चार बच्चन के लेके गुजारा करल जाला। जब बरसात होला। तब पूरा पानी मड़ई में भर जाला। जब रात में पानी बरसे लगला त हमने के रात बइठ के गुजारा करे के पड़ला। हमने के सामान भी सही सलामत नाहीं बचत। हमने के पास एतना कमाई नाहीं हव कि हमने आपन घर बनवा लेवल जाए। जब हमने प्रधान से कहल जाई त प्रधान खाली करलन।
प्रधान राजेश गुप्ता के कहब हव कि जेकर नाम बी. पी. एल. सूची में हव ओके आवास बनवा देहले हई। ओन लोग के नाम सूची में नाहीं हव। इन्दिरा आवास में ओन लोग के नाम डलले हई। हम भी कोशिश में हई कि ओन लोग के भी घर बन जाए।
आवास के लगल आस
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