भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने राजधानी लखनऊ स्थित काशीराम स्मृति उपवन में ‘भारतीय संविधान व आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन’ किया।
उन्होंने कहा कि आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। अगर आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी। इस तरह उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है।
सावित्री ने कहा, “संविधान और आरक्षण खतरे में है। मैं सांसद रहूं या न रहूं लेकिन संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं होने दूंगी।“
साध्वी ने कहा, “मैं भारत की सांसद हूं और जब तक मेरा कार्यकाल है तब तक मैं सांसद रहूंगी।”
बता दें कि इससे पहले भी बीजेपी महिला सांसद सावित्री एससी और एसटी वर्ग के लोगों के लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ जमकर बोल चुकी हैं। करीब 3 महीने पहले उन्होंने एससी–एसटी वर्ग के लोगों के लिए नौकरियों और पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर बहराइच से आंदोलन भी शुरू किया था।
वह पिछड़ी जाति–जनजाति को लेकर मोदी सरकार की जो नीतियां हैं, उनका विरोध कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पार्टी उनके खिलाफ कोई कदम उठाती है तो यह संविधान के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के बराबर होगा। सावित्री अंबेडकर के नाम से रामजी जोड़ने को लेकर भी अपना विरोध जाहिर कर चुकी हैं।