जिला ललितपुर, गांव सिंदवाहा|आप गुटका खाकर पन्नी फेंक देते हैं परन्तु फूला के लिए बड़ी काम की चीज है क्यों कि फूला इन पन्नियों से चका बनाती है जो सिर पर दूर से बोझ लेकर आने में सिर दर्द होने लगता है ऐसे में बोझ के नीचे रखने में काम आता है चका|
फूला का कहना है कि गुटखा कुरकुरे की खाली पन्नी इकठ्ठा करती हूँ फिर रस्सी भांजकर चका बनाती हूँ|गांव में बूढ़ी महिलाओं से रस्सी भांजना सीखा था|एक दिन में दो तीन चका बना लेती हूँ|एक चका दस पन्द्रह रूपये में बिकता है|हमारे परिवार में बहुत लोग हैं|हम गरीब हैं हमारे लिए कोई काम नहीं है इस कारण यह काम करके अपने बच्चों का पेट भरती हूँ|
बाईलाइन-राजकुमारी
27/09/2017 को प्रकाशित