आनलाइन सुविधा जेतना सुविधा वाली है वहिसे ज्यादा बढ़के खतरा वाली भी है। आनलाइन का मतलब है कि कतौ से कतौ भी कम्प्यूटर के जरिया काम करब। अब अगर बांदा जिला के पण्डित जे.एन.पी.जी. कालेज के बी.ए. प्रथम के छात्र छात्रन के फारम न भर जइहैं तौ उनकर पढ़ाई का एक साल बरबाद होई सकत है।
सरकार आनलाइन सुविधा दइके नींक काम करिस पै अगर वेबसाइड तीन महीना तक न खुली तौ या सुविधा कउन काम के। आनलाइन सुविधा से जल्दी काम होत है, पै अगर वा वेबसाइड खुलैं से काम ही न होई तौ नींक है कि हाथ द्वारा ही फारम भरे जाएं। या समय परीक्षा के तैयारी मा लगावैं का आय न कि फारम भरैं खातिर परेशान होय का। फारम भरैं का काम सितम्बर अउर अक्टूबर महीना मा ही होई जाय का चाही।
या समय ज्यादातर काम आनलाइन होइगा है। चाहे वा नौकरी का फारम, शिक्षा, स्वास्थ्य या फेर सरकारी योजना का लाभ पावैं खातिर फारम भरैं खातिर होय। आनलाइन के सुविधा अउर सरकारी रिकार्ड का कम्प्यूटर मा चढ़ावैं का काम का नतीजा बहुतै खराब असर डालत जात है। भले ही या सुविधा कुछ दिन के बाद बहुतै नींक साबित होय, पै बांदा जिला मा शुरूवात के समय बहुतै ही दिक्कत है। चाहे उंई आनलाइन फारम भरब होय या फेर मतदातन के नाम गलत चढ़ै का लइके होय।
आनलाइन सुविधा, नींक भी खराब भी
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