चित्रकूट के मऊ ब्लॉक में आनंदी धाम मंदिर है। मंदिर के आस-पास फूलों से सजी दुकानें देखने को मिलेंगी। इन फूलों की दुकानों का ठिकाना यहाँ सालों से है।
सालों से फूल की दुकान लगा रहे रमेश कहते हैं कि हमारी कुल आठ दुकानें हैं। यहाँ फूल नहीं मिलते इसलिए हम लोग इलाहाबाद से फूल लेकर आते हैं। इन फूलों को सम्भाल के रखना भी बहुत मेहनत का काम है। अक्सर लोगों के घरों से भी शादी-ब्याह में फूलों का ऑर्डर मिल जाता है। यह कमाई का अच्छा जरिया बनता है वरना अक्सर दो हजार रुपये से ज्यादा की कमाई नहीं हो पाती। यह काम बारह महीने चलता है और यही हमारी रोजी-रोटी है। फूलों की मालाएं बनाते दुखन का कहना है कि हम माली जाति के लोग हैं। हमारी तीन हजार लोगों की बस्ती है और हम सभी यही काम करते हैं। फूल उगाते हैं या खरीद कर लाते हैं।
शादी के मौसमों में इन लोगों को अधिक मुनाफा होता है। अक्सर लोग फूलों की लंहगा चुनरी बनवाते है। जिससे हमें बड़ा काम और अच्छा पैसा दोनों मिल जाते हैं।
13/10/2016 को प्रकाशित