भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण(यूआईडएआई)ने लोगों की दिक्कतों को देखते हुए आधार कार्ड के सत्यापन के लिए एक नया विकल्प उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। यूआईडएआई ने आधार सत्यापन के लिये उंगुली के निशान तथा आंख की पुतलियों के अतिरिक्त चेहरे की पहचान को भी शामिल करने की अनुमति दे दी है। यह 1 जुलाई से शुरू होगा। अब तक 12 अंकों वाला आधार नंबर 117 करोड़ लोगों को जारी किया जा चुका है। हालांकि आधार का इस्तेमाल पहचान साबित करने के लिए होता है, लेकिन इसे नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता। आधार के आधार पर लोगों को रसोई गैस पर सब्सिडी और विभिन्न योजनाओं में सरकारी मदद दी जाती है। आधार में रजिस्ट्रेशन के वक्त फोटो लिया जाता है। अब यूआईडीएआई इस फोटो का इस्तेमाल पहचान के लिए करना चाहता है। इससे ये सुनिश्चित किया जा सकेगा कि फिंगर प्रिंट(उँगलियों के निशान)या आइरिस(आँखों की पहचान) में दिक्कत होने पर चेहरे के जरिए पहचान हो सके। बता दें कि प्राधिकरण का ये ऐलान सुप्रीम कोर्ट में आधार पर सुनवायी के ठीक 24 घंटे पहले आय़ा है। कोर्ट में मंगलवार को इस बात पर जिरह होगी कि आधार आखिरकार क्यों अनिवार्य हो। इस मामले में कई जनहित याचिकाएं यानी पीआईएल दायर किए गए हैं। अब इन तमाम याचिकाओं को मिलाकर एक कर दिया गया है और मंगलवार के बाद इस पर नियमित सुनवायी शुरू होगी।