चित्रकूट जिला मा या समय मड़ई आधार कार्ड बनवावैं खातिर बहुतै परेशान हवैं। काहे से कि 6 जून 2013 से पेंशन लें वाले मड़इन के आधर कार्ड बनत हवैं। सैकड़न मड़ई किराया भाड़ा लगा के अपने गांव से ब्लाक आवत हवैं, पै उनके आधार कार्ड नहीं बनत हवै।
ऽ ब्लाक कर्वी, गांव तरांव के मुंगिया, सतिनिया, कल्ली, नथिया अउर सुन्दरलाल का कहब हवै कि हमैं सचिव रूपनारायण आधार कार्ड बनै के सूचना दिहिस हवै। यहै से अपने गांव से एक आटो अउर ट्रैक्टर बुक कइके आय रहेन। हमार रूपिया भी लाग गा हवै, पै आधार कार्ड नहीं बने आय।
ऽ पहाड़ी ब्लाक, बक्टा बुजुर्ग गांव के कामता समेत पांच लोगन का कहब हवै कि राजापुर कस्बा आधार कार्ड बनवावैं गये रहेन, पै खाली हाथ लउटै का परा। मड़ई आपन काम धंधा छोड के आवत हवै। सरकार तौ रोजै कउनौ न कउनौ योजना ़ चलावत हवै।
ऽ कुछ यहिनतान कहत हवैं ब्लाक रामनगर गांव कारैंदी कला के सुन्दी अउर रामकुमार। इनकर कहब हवै कि आधार कार्ड बनवावैं खातिर तीन दिन से लउटित हन, पै आधार कार्ड नहीं बनत हवंै।
राजापुर कस्बा मा आधार कार्ड बनावै वाले सुपर वाइजर लखन लाल का कहब हवै कि पहिले पंचायत स्तर मा प्रधान अउर सचिव मड़इन के फार्म भरावत हवैं। यहिके बाद कम्पयूटर मा चढ़ावा जात हवै। मड़ई आवत हवै तौ उनका आधार कार्ड दीन जात हवै।
प्रधान अउर सचिव मड़इन का लइके चले आवत हवैं। मड़इन के फार्म तक नहीं भरावत हवै। यहै से आधार कार्ड ज्यादा नहीं बन पावत आय। राजापुर मा 6 जून 2013 से 12 जून 2013 तक दुइ हजार ग्यारह आधार कार्ड बने हवैं। अउर गर्भवती मेहरियन के तीन सौ बयालिस आधार कार्ड बने हवैं।
आधार कार्ड बनवावैं खातिर परेशान
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