महोबा शहर, बीजा नगर रोड। एते की सुखवती की मताई हीरा बताउत हे कि मेंने 2002 में सुखवती की शादी बीला गांव में जगदीश के साथे भई हती। जीसे ससुराल वाले दहेज कम देय को ताना ओर मारपीट करत हते। जीसे आठ साल से मुकदमा लड़त हे।
सुखवती बताउत हे कि ससुराल वाले दो साल मोये नींक से राखो हे। ऊखे बाद मोटर साइकिल ओर पचास हजार रूपइया मांगन लगे। जभे देय से मना करो तो ससुराल वाले मोये साथे मारपीट करन लगे। सुखबती की मताई हीरा कहत हे कि अगर पेहले से एसो पता होतो तो मे शादी न करती। शादी में मेने अपने हेंसियत से ज्यादा दहेज दओ हतो। आठ साल से मुकदमा लड़त हे। आज तक कछू नई भओ। अकेले कमा के परिवार चलाउत हों। आदमी जगदीश कहत हे कि हमाये घर में कछू काम नइयां। सुखवती खुद नई रहे चाहत हे। में अभे भी लेवा जाये खा तैयार हों पे ऊ नई जात हे। वकील प्रेमबाबू ने बताओ कि धारा धारा 125 (भरण पोषण) ओर (498 दहेज उत्पीड़न) के तहत मुकदमा चलत) हे
आठ साल से लगाउत कचहरी के चक्कर
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