जिला बांदा, ब्लाक बबेरू, कस्बा बबेरू। हेंया से कमासिन जाय वाली लगभग पन्द्रह किलोमीटर सड़क आठ साल से खराब है। जेहिसे वा सड़क से आवै जाय वाली गाड़ी अउर सवारिन का बहुतै परेशानी होत है। टैम्पो चलावैं वाला लल्लू कहिस कि हमरे हेंया के या सड़क जबै से खराब भे तबै से आय दिन गाड़ी खराब परी रहत हैं। गाड़ी पलटै का डेर बना रहत है। अगर कउनौ बीमार है तौ या सड़क से लई जाय मा मरीज के हालत अउर खराब होई जात है, पै पी.डब्लू.डी. विभाग के अधिकारी हाथ मा हाथ धरे बइठ रहत हैं । परसौली गांव का कल्लू भी गाड़ी चलावत है। कहिस कि मोर गाड़ी आठ महीना चली है तौ कबाड़ मा बेचैं लाइक होइ गे है। जउने गांव से आवै जाय मा आधा घण्टा के रास्ता रही है होंआ एक घण्टा लागत है। यहिसे बहुतै परेशानी है। अगर सड़क बन जाय तौ नींक होई जाय।
बांदा जिला मा पी.डब्लू.डी. विभाग के खण्ड एक, दुई, चार अउर प्रान्तीय खण्ड हैं। सबै खण्ड अलग-अलग सड़क का जिम्मेदार हैं। जउने सड़क के या समस्या है वहिकर जिम्मेदार खण्ड चार है। वा खण्ड के अधिकारी अउर करमचारी आपन जिम्मेदारी मा पर्दा डारैं का बहाना बनाइन कि वा सड़क के जिम्मेदारी प्रान्तीय खण्ड का दीन गे है। प्रान्तीय खण्ड कहत है कि या सड़क का जिम्मेदार खण्ड चार है। अब सवाल या उठत है कि सड़क दुबारा से बनैं का नियम पांच साल का है तौ आठ साल काहे बीत गें? प्रस्ताव काहे नहीं बनावा गा? अगर प्रस्ताव बना के भेजा गा है तौ वहिकर पास भा बजट कहां गा?
आठ साल के बाद भी काहे नहीं बनी सड़क
पिछला लेख