आज 11 अक्टूबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत पांच साल पहले साल 2012 में हुई थी।
विश्वभर में पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 19 दिसंबर 2011 को इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था।
इसके तहत बालिकाओं के अधिकारों और विश्व की उन चुनौतियों का जिनका वे मुकाबला करती हैं, को मान्यता देने के लिए यह दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया था। पहले अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का विषय बाल विवाह की समाप्ति रहा है।
इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का मुद्दा है ‘इम्पावर गर्ल्स: बिफोर, ड्यूरिंग एंड आफ्टर क्राइसिस” यानी किसी भी संकट के पहले, उसके दौरान और उसके बाद बेटियों को मजबूत बनाएं।
हमारी यह दुनिया तब तक सुंदर नहीं बन सकती है जब तक बेटियों के सपने अधूरे हैं या उनके आगे बढ़ने के रास्ते में किसी भी तरह की अड़चन खड़ी है। उनकी चुनौतियों को जानना, उन्हें हल करने की कोशिश करना और उनका हौसला बढ़ाकर ही हम सभी के लिए एक बेहतर कल की उम्मीद कर सकते हैं।
बता दें कि इसी के तहत पीएम मोदी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ अभियान की शुरुआत की थी। बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ योजना की शुरुआत साल 2015 में की थी।