वाटर लेबल कम होने के कारण हैन्डपम्प और कुयें सूख गये हैं, अब लोगों की प्यास कैसे बुझेगी ? विश्व जल दिवस पर ललितपुर जिले के गांव बालाबेहट के लोग अपनी पानी की समस्या के बारें में बता रहे हैं।
कृष्णा का कहना है कि हमें बहुत दूर पानी लेने जाना पड़ता है, हमारे घर में तीन जानवर भी है। सन्तोष रानी ने बताया कि पानी नहीं मिलता तो खाली बर्तन लेकर घर लौट आते है फिर बच्चें इधर-उधर से पानी लातें हैं। शिवराज सिंह तोमर का कहना है कि पूरे गांव में एक हैन्डपम्प चलता है, बाकी हैन्डपम्प और कुयें सूखे पड़े हैं। जशोदा ने बताया कि पानी के कारण बच्चों को स्कूल जाने में देर हो जाती है। रामलाल कुशवाहा का कहना है कि गांवभर में चालिस-पचास हैन्डपम्प है लेकिन सब बिगड़े पड़े है। सर्वे होने के बाद भी हैन्डपम्प नहीं बनायें जा रहे हैं।
एडीओ पंचायत अनुरोध कुमार का कहना है कि बिगड़े हैन्डपम्प दो दिन में बना दिये जायेगे और टैंकर से पानी सप्लाई किया जायेगा। सहायक अभियंता के.पी. सिंह का कहना है कि रिबोर का काम ग्राम पंचायत करती है।
रिपोर्टर- कल्पना