जिला वाराणसी, ब्लाक, चिरईगावं, गावं सतवा। इहां के पिंकी बतइलीन कि 2005 के मई मे भइल रहल थाना कमसेटी के बड़ागाव के उमाकांत के साथ भइल रहल। लेकिन हमार पति भरोसेमन्द नाहीं हयन।
हमार पति हमके आके हमरे माइके में आके मरलन पीटलन आउर हमके अपने साथे रखे नाहीं चाहत हयन ऐही से हम अपने पति से 2010से मुकदमा लड़त हई विदाई क दिन पडके हमके नाही लेगइलन तब हम फिर से शारीरिक मानसिक उत्पीड़न होवे लगल। तब से हम खर्चा बदे लड़त हई। उनकरे पति उमाकांन्त क कहब हव कि हम अपने पत्नि आउर बच्चन के दूनो रख्खल चाहत हई लेकिन उ लोग अवही नाही चाहत हईन। वकील प्रवीण कुमार क कहब हव कि पहिले त प्रियका विदाईक मुकदमा दर्ज करउले रहलीन 5 सितम्बर 2010 के जब उ दिन विदाई रहल जब ना गइलीन। फिर से दहेज फौजदारी घरेलू हिंसा पर मुकदमा दर्ज करउलीन जेमे उमाकांन्त 3500 रूपिया खर्चा देत हयन।
आज भी होत हव मेहरारून के उपर अत्याचार
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